यंत्राश्रम (मोक्ष-सिद्धि)
"स्थूल-सूक्ष्म-कारण: तीनों शरीरों का नैसर्गिक पोषण"
(आध्यात्मिक फार्म-स्टे)
वैदिक वाङ्गमय की सरस-प्राकृतिक वनस्थली स्थित २५ एकड़ में फैले मंत्रयोगरण्य में विशुद्ध तंत्रागम के आचार-विचार-आहार को जीने-सीखने-पाने हेतु ।। ललिता दिव्याश्रम ।। के चतुर्थ व अनूठे नवाचार - "आध्यात्मिक फार्म-स्टे" पधारकर नैसर्गिक व तनावमुक्त जीवन तथा शुद्ध वैदिक भोजन का आनंद लेते हुए स्वास्थ्य लाभ, मंत्रोपचार, मंत्रयोग, मंत्रसिद्धि, इष्टसिद्धि, रसायन-तंत्र, कुंडलिनी-तंत्र, उड्डीश-क्रियोड्डीश तंत्र, दिव्यास्त्र-प्रयोग आदि क्रियाकलापों को सीखकर "आम" से "खास" बन सकते हैं। आध्यात्मिक सशक्तिकरण की दिशा में ।। ललिता दिव्याश्रम ।। एक अभिनव, वैज्ञानिक शोधशाला व प्रयोगशाला है, जहां साधकों के लिए तंत्रागम का समग्र सुविधा सहज उपलब्ध है। आज साधना वा अंतर्याग के लिए किंचित ही कोई शक्तिपीठ-सिद्धपीठ भारत में बचा है।
।। ललिता दिव्याश्रम ।। संपूर्ण मानव जाति के आध्यात्मिक उत्थान की दिशा में भारत, अमेरिका, रूस, इटली, ताजिकिस्तान, नेपाल आदि देशों में "४१-दिवसीय मन्त्रयोग साधना केन्द्रों" के माध्यम से हिन्दू- मुस्लिम-सिख-इसाई सबको विगत १२ वर्षों से सतत अलख जगा रहा है।
पूज्य गुरुदेव कौलाचार्य स्वामी सुमनानन्द नाथ जी २६ वर्षों के अपने लम्बे विदेशी प्रवास के उपरांतविगत २०१२ में भारत लौटकर ।। ललिता दिव्याश्रम ।। जैसे अद्वितीय तंत्रपीठ के माध्यम से आज केवल भारत में ३२०००० से अधिक लोगों का न केवल कष्ट निवारण किया है अपितु ५६७०० से अधिक साधकों को "४१-दिवसीय मंत्रपुरश्चरण" के माध्यम से मंत्रसिद्धि, इष्टसिद्धि कराई है।
विश्व के हर जीव-जगत को मंत्र-शक्ति की आवश्यकता है- क्या मानव-क्या दानव-क्या पशु-क्या पक्षी-क्या वनस्पति। किसी भी धर्म-पन्थ-संप्रदाय के किसी भी वर्ग-जाति-समुदाय के लोगों के त्रिविध कष्टों (दैहिक -दैविक-भौतिक) का निवारण मात्र ४१ दिनों में १००% संभव है, बशर्ते आप माला उठाने को तैयार हों।
बीमार-विकलांग-असमर्थ तक के लिए हमारे मंत्रयोग में समुचित व्यवस्था है। विश्व के सबसे आखिरी पायदान पर खड़ा व्यक्ति भी मंत्रयोग के अंतहीन लाभ से वंचित न रह जाय, इसकी हमें चिंता है।
पुष्टि-कर्म से षट्कर्म तक, उत्कीलन से अभिकीलन तक, कृत्या-मूठादि उन्मूलन से दिव्यास्त्रों के संधान तक, कैंसर से आटिज्म तक, नौकरी से व्यवसाय तक, ग्रह-पितृ-वास्तु दोष से प्रेतबाधा तक, झाडा से उतारा तक, मकान से सन्तान तक, स्वास्थ्य से दीर्घायु तक, कार्य-सिद्धि से ईष्ट-सिद्धि तक - सबका एक ही समाधान है - ।। ललिता दिव्याश्रम ।। - यहां आने में असमर्थ लोगों के लिए जगह-जगह हमारे केंद्र हैं और वेबसाईट वा मोबाईल एप के माध्यम से विश्व में कहीं से भी आप हमसे जुड़कर अपने जीवन को खुशहाल, कामयाब और ख़ास बना सकते हैं।